नेत्रो पर पट्टी बांध कर शिवमहापुराण की तत्वमयी कथा ||
शिवसूत्र-संबोधक-परम पूज्य स्वामी शिवोहम भारती जी महाराज संस्थापक नमः शिवाय मिशन ट्रस्ट,शिवकोठी ओंमकारेश्वर |शिवोऽहम भारती जी महाराज के श्रीमुख से नौ दिवसीय शिवमहापुराण की तत्त्वमयी शिव कथा | दिनांक 29 नवम्बर 2018 (गुरुवार ) से 07 दिसम्बर 2018 (शुक्रवार ) तक प्रतिदिन दोपहर 01.00 से सायंकाल 5.00 बजे तक
निःशुल्क नमः शिवाय चिकित्सा सेवा |
यात्रियों को निशुल्क मेडिकल सुविधा जैसे सभी प्रकार के दर्द, मलहम, ड्रेसिंग, दवा, टेबलेट निशुल्क फ्री में नमः शिवाय सेवाधाम शिवकोठी, की और से 24 घंटे 5 दिन तक बांटी जा रही है।
नमः शिवाय बाबाजी का संक्षिप्त जीवन – परिचय
नमः शिवाय मिशन के संस्थापक पूज्य स्वामी शिवोऽहम् जी भारती जी महाराज का जन्म 09 अगस्त 1955 को उड़ीसा के देवगढ़ जिले में एक गरीब धर्मनिष्ठ ब्राह्मण परिवार में हुआ | आपकी प्राथमिक एवं उच्च शिक्षा देवगढ़ जिले में ही हुई | परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते उन्होंने अपने अध्ययन काल में ही ट्यूशन पढ़ाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया था | आपने 8 वर्षो तक हाईस्कूल का अध्ययापन कार्य किया और 25 वर्ष की आयु में भागवत साक्षात्कार के उद्देश्य से नौकरी छोड़कर भारत के विभिन्न स्थलों पर तपस्या की इस तपस्या कल में गिरनार गुजरात में 6 माह दक्षिण भारत के गांडगापुर में 3 माह, उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के जंगलो में 6 माह , तपस्या करके जोशीमठ के पास तपोवन ग्राम में एक गुफा में तपस्यारत हुए |
आश्रम की अन्य सुविधाएं
गौशाला
निः शुल्क उपचार
प्रबुद्ध वृद्धाश्रम
Golden Book Of World Record
‘एक रोटी दान-अभियान’ में दें एक आत्मिक-आहुति
1. वर्तमान में पीड़ित प्रत्याशित संकटो में छुटकारा दिलाने के प्रथम साधन को ‘रोटी‘ कहा जाता है, जबकि उक्त साधन को उपलब्ध कराने वाली भूमिका को ‘एक रोटी‘ कहते है | आपको जानकर हर्ष होगा कि हमारी ‘एक रोटी‘ दोनों काम करती है |
2. मानव समाज के सर्वकल्याण की पवित्र भावना से दर्शनगंगा माँ नर्मदा के पवन तट पर स्थित ज्योत्रिलिंग नगरी, के समीप ग्राम शिवकोठी में नमः शिवाय मिशन ट्रस्ट द्वारा विगत 22 वर्षो से अखंड ‘ॐ नमः शिवाय ‘ संकीर्तन महायज्ञ के साथ सत्यात्रदान – महायज्ञ विशेष रूप से चलाया जा रहा हैं | इस महायज्ञ के माध्यम से नमः शिवाय सेवाधाम में पधारने वाले सैकड़ो भोजनार्थियो को प्रतिदिन शुद्ध – सात्विक एवं स्वादिस्ट भोजन निः शुल्क प्रदान कर ससम्मान प्राप्त किया जाता है | आप महानुभाव भी सामर्थ्यनुसार रोटी दान कर इस अभियान में सम्मिलित हो सकते है प्रत्येक अ जीवन रोटी देने वाले महानुभाओं के रंगीन – चित्र मासिक पत्रिका ‘एक रोटी में एक बार प्रकाशित किये जाते है | एवं आजीवन तथा वार्षिक अत्रयोजनो के पते पर नियमित रूप से 12 माह तक पत्रिका डाक द्वारा उपहार– स्वरुप प्रेषित की जाती है |